"मैं चैन से सोना चाहता हूँ "
"तो सो जा न, रोका किसने है?"
"मगर नींद नहीं आ रही है"
"क्यों भई ?"
"चैन से सोने के लिए ज़रूरी है, कि गले में चेन न हो "
"अरे भई, चैन दिमाग में होता है, न कि गले में "
"तू नहीं समझेगा "
"क्यों ? मेरे पास दिमाग नहीं है क्या ?"
"है, लेकिन चेन नहीं है "
"फ़िर वही......"
"अरे भई, तेरे गले में चेन नहीं है,....सोने की चेन ! "
"सोने की चेन ? "
"हाँ, सोने की चेन...चेन... समझा ?"
"हाँ-हाँ.......तो ?"
"जिसके गले में चेन हो, वो चैन से नहीं सो पाता"
"क्यों ?"
"क्यों कि ये जयपुर है, यहाँ आए दिन महिलाओं के गले से चेन तोड़ने की घटनाएँ होती हैं "
"अब समझा, तू दिमाग की जगह गला क्यों बोल रहा था"
"इसका मतलब है, तेरे पास दिमाग भी है"
"सो तो है....मगर तू चाहता क्या है ?"
"सोना चाहता हूँ"
"तो गले से सोने की चेन उतार कर ताले में रख, और चैन से सो"
फिर ताले की चाबी परेशान करेगी...सोना आ गया तो बस समझ लो अब सोना नसीब नहीं.
ReplyDeleteसोने वालों को सोने का बहाना चाहिए
ReplyDeleteबढिया संवाद...आप तो अपनी ही शैली के लगते हो मित्र...
वैसे ये शैली किसी लड़की का नाम नहीं है :-)
एक निवेदन और आपसे कि कमैंट बॉक्स से वर्ड वैरिफिकेशन हटा दें... दिक्कत होती है भाई...
ReplyDeletejage hain der tak
ReplyDeletehume kuch der sone do
thodi si raat aur hai
subah tau hone do
adhe adhoore khawab jo
poore na ho sake
ek baar phir se neend main
who khawab bone do
बहुत बढिया!!
ReplyDelete"तो गले से सोने की चेन उतार कर ताले में रख, और चैन से सो"