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Tuesday, June 10, 2014

चरण स्पर्श

'पाय लागूं काका '
'जीवतो रह बेटा ....... आज घणो राजी-राजी लाग रयो है '
'राजी होने की तो बात है काका'
'क्या '
'आप का आशीर्वाद मिल गया काका'
'वो तो पाय लगने से पहले भी था '
',,,,,,लेकिन सब जगह तो ऐसा नहीं होता काका'
'मतलब ?'
'ये चरण स्पर्श के अलग-अलग अर्थ क्यों निकलते हैं काका ?'
'अब क्या बताऊँ तुझे   ....... जब कोई मतलब होता है , तो अर्थ बदल जाता है बेटा ! ! ! '


Tuesday, May 27, 2014

अच्छे दिन आ गए हैं … बधाई हो ! ! ! ! !

Sunday, March 23, 2014

आज शीतला सप्तमी।
धार्मिक आस्था पर्व !
वर्ष में एक बार आज हमारे सामने हैं बासी पकवान।
निश्चिन्त होकर खाइए।

चुनाव।
लोकतांत्रिक आस्था पर्व।
पांच वर्ष में एक बार आज हमारे सामने हैं फिर वही बासी मेहमान।
निश्चिन्त होकर ठप्पा लगाइए।

शुभकामना  .......
आपके स्वास्थ्य और पाचनतंत्र  की !

शुभकामना ……
हमारे स्वस्थ लोकतंत्र की ! !
 





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