

एक दीया.....
सबको बस दिया ही दिया....
जग को प्रकाश से भर दिया....
रात भर जलता रहा, हवाओं से लड़ता रहा
हँसता रहा....
कहता रहा,
"शुभ दीपावली !"
सुबह हुई, सबने देखा ,
दीये के चारों तरफ़ बिखरे पतंगे...
जले-अधजले....
कोई बोला,
"ओह.....ये दीया !
बड़ी मेहनत से सफाई की थी,
सारे घर में फ़िर से कचरा कर दिया ।"
जले हुए पतंगों के बीच रखा हुआ दीया
चुपचाप सुनता रहा लोगों की बातें जली-जली.....
जो रातभर सबसे कहता रहा था,
"शुभ दीपावली !"
आपको दीपावली पर्व की हार्दिक शुभकामनाये
ReplyDeleteबढिया रचना.
ReplyDelete"शुभ दीपावली !"
bola ye jaipuRIYA ki waah kya baat hai papa ji kya aapne likh "DIYA"
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