किसी ने बताया-
"भाषा एक माध्यम है"......अपने विचारों को दूसरों तक पहुंचाने का।
दुनिया ने सिखाया-
"भाषा एक औजार है"......दूसरों से अपने काम निकलवाने का।
असल में पाया-
"भाषा एक हथियार है".......दूसरों को ठिकाने लगाने का।
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Thursday, August 27, 2009
Wednesday, August 26, 2009
Tuesday, August 25, 2009
हैसियत
पैसे वाला घर। इकलौते बेटे विवेक की मंगनी की रस्म के बाद पार्टी अभी समाप्त ही हुई है।
घर की महिलायें आपस में बातें कर रही हैं। बड़ी ताईजी बोली -"मिसेज वर्मा को देखा, नए मंहगे लेटेस्ट मोबाइल से कैसी मटक-मटक कर बात कर रही थी !" चाची ने तपाक से जवाब दिया-" और वो सिंघानिया की मिसेज ,
सात- आठ हज़ार की साडी क्या पहन ली, खुद को हूर की परी ही समझ रही थी !" बुआ क्यों पीछे रहती, बोलीं-
"गुप्ता जी की वाईफ को देखा, दो लाख का डायमंड सेट उस पर ऐसे लग रहा था, जैसे भैंस के गले में जंजीर !"
"अरे ऐ गवरी बाई, तेरे गले में ये सोने की चेन कहाँ से आई रे ?" विवेक को बचपन से बेटे की तरह संभालती आ रही गवरी से नई-नई सास बनी अम्माजी ने ये सवाल क्या किया, कि सब की नजर उसी पर टिक गयी ।
"माफ़ करना अम्माजी , विवेक बाबा ने पहनाई है....मैंने तो मना भी किया..........."
बात पूरी होने से पहले घर में मानो भूचाल ही आ गया !
घर की महिलायें आपस में बातें कर रही हैं। बड़ी ताईजी बोली -"मिसेज वर्मा को देखा, नए मंहगे लेटेस्ट मोबाइल से कैसी मटक-मटक कर बात कर रही थी !" चाची ने तपाक से जवाब दिया-" और वो सिंघानिया की मिसेज ,
सात- आठ हज़ार की साडी क्या पहन ली, खुद को हूर की परी ही समझ रही थी !" बुआ क्यों पीछे रहती, बोलीं-
"गुप्ता जी की वाईफ को देखा, दो लाख का डायमंड सेट उस पर ऐसे लग रहा था, जैसे भैंस के गले में जंजीर !"
"अरे ऐ गवरी बाई, तेरे गले में ये सोने की चेन कहाँ से आई रे ?" विवेक को बचपन से बेटे की तरह संभालती आ रही गवरी से नई-नई सास बनी अम्माजी ने ये सवाल क्या किया, कि सब की नजर उसी पर टिक गयी ।
"माफ़ करना अम्माजी , विवेक बाबा ने पहनाई है....मैंने तो मना भी किया..........."
बात पूरी होने से पहले घर में मानो भूचाल ही आ गया !
Monday, August 24, 2009

कार्टून ब्लॉग पर आ तो गया, लेकिन रंग बदल गया !
नेता रंग बदल लेते तो इतना आर्श्चय नही होता, मेरे आम आदमी के प्रतीक (काका)
ने भी रंग बदल लिया !
.....मतलब अब राजनीतिक पेंतरेबाजिओं से कहीं
आम आदमी भी अछूता नहीं रहा !
विडम्बना यह , कि कार्टून में रंग ना बदलने की बात कही जा रही है !
Sunday, August 23, 2009
गणेश तेरे कितने नाम
मन्दिर में श्री गणेशजी की शत नामावली पढ़ रहा था ।
सरसरी निगाह से पूरी पढ़ गया।
दिमाग में एक सवाल कौंधा-
हम हर वस्तु को अलग-अलग भागों में बाँट कर ही क्यों देख पाते हैं ?
ईश्वर को भी ?
"विभिन्न रूप" का कितना सुंदर बहाना है हमारे पास !
सरसरी निगाह से पूरी पढ़ गया।
दिमाग में एक सवाल कौंधा-
हम हर वस्तु को अलग-अलग भागों में बाँट कर ही क्यों देख पाते हैं ?
ईश्वर को भी ?
"विभिन्न रूप" का कितना सुंदर बहाना है हमारे पास !
जय श्री गणेश !
ॐ वक्रतुंड महाकाय सूर्य कोटि समप्रभः ।
निर्विघ्नं कुरुमे देव सर्व कार्येषु सर्वदा ॥
आज श्री गणेश चतुर्थी महापर्व है।
कोई कार्य प्रारम्भ करने का सबसे शुभ दिन !
कितना कुछ है प्रारम्भ करने के लिए !
तो स्वयं से ही क्यों न शुरुआत की जाए !!
पूरी क्षमता, ईमानदारी, जोश, उमंग और उत्साह के साथ !
सपनों को सच बनाने ,योजनाओं को साकार करने और सफलताओं की मंजिल पाने के दृढ़ निश्चय के साथ !!!!
तो आओ प्रारंभ करें !
जय श्री गणेश !
निर्विघ्नं कुरुमे देव सर्व कार्येषु सर्वदा ॥
आज श्री गणेश चतुर्थी महापर्व है।
कोई कार्य प्रारम्भ करने का सबसे शुभ दिन !
कितना कुछ है प्रारम्भ करने के लिए !
तो स्वयं से ही क्यों न शुरुआत की जाए !!
पूरी क्षमता, ईमानदारी, जोश, उमंग और उत्साह के साथ !
सपनों को सच बनाने ,योजनाओं को साकार करने और सफलताओं की मंजिल पाने के दृढ़ निश्चय के साथ !!!!
तो आओ प्रारंभ करें !
जय श्री गणेश !
Saturday, August 22, 2009
जय श्री गणेश
ॐ वक्रतुंड महाकाय सूर्य कोटि समप्रभः ।
निर्विघ्नं कुरुमे देव सर्व कार्येषु सर्वदा ॥
आज श्री गणेश चतुर्थी महापर्व है।
कोई कार्य प्रारम्भ करने का सबसे शुभ दिन !
कितना कुछ है प्रारम्भ करने के लिए !
तो स्वयं से ही क्यों न शुरुआत की जाए !!
पूरी क्षमता, ईमानदारी, जोश, उमंग और उत्साह के साथ !
सपनों को सच बनाने ,योजनाओं को साकार करने और सफलताओं की मंजिल पाने के दृढ़ निश्चय के साथ !!!!
तो आओ प्रारंभ करें !
जय श्री गणेश !
निर्विघ्नं कुरुमे देव सर्व कार्येषु सर्वदा ॥
आज श्री गणेश चतुर्थी महापर्व है।
कोई कार्य प्रारम्भ करने का सबसे शुभ दिन !
कितना कुछ है प्रारम्भ करने के लिए !
तो स्वयं से ही क्यों न शुरुआत की जाए !!
पूरी क्षमता, ईमानदारी, जोश, उमंग और उत्साह के साथ !
सपनों को सच बनाने ,योजनाओं को साकार करने और सफलताओं की मंजिल पाने के दृढ़ निश्चय के साथ !!!!
तो आओ प्रारंभ करें !
जय श्री गणेश !
Friday, August 21, 2009
जय श्री गणेश !
वक्रतुंड महाकाय सूर्य कोटि समप्रभ : ।
निर्विघ्नं कुरुमे देव सर्व कार्येषु सर्वदा ॥
सौभाग्यशाली हूँ कि सही समय पर सही काम के लिए सलाह और सुझाव मेरे पत्रकार मित्र श्री मंगलम ने मुझे दिए
और मैंने यह ब्लॉग लिखना प्रारम्भ किया । अभिव्यक्ति को एक और नई राह मिली ।
हार्दिक धन्यवाद मंगलम भाई ।
( वैसे कार्टूनिस्ट "धन्यवाद" कहे तो लगता है, जैसे भूत के मुंह से राम-राम !)
मैं जानता हूँ मुझे यह सलाह देने के बाद श्री मंगलम को कई लोग सलाह देंगे -
"अच्छी संगत में रहा करो मंगलम भाई !"
निर्विघ्नं कुरुमे देव सर्व कार्येषु सर्वदा ॥
सौभाग्यशाली हूँ कि सही समय पर सही काम के लिए सलाह और सुझाव मेरे पत्रकार मित्र श्री मंगलम ने मुझे दिए
और मैंने यह ब्लॉग लिखना प्रारम्भ किया । अभिव्यक्ति को एक और नई राह मिली ।
हार्दिक धन्यवाद मंगलम भाई ।
( वैसे कार्टूनिस्ट "धन्यवाद" कहे तो लगता है, जैसे भूत के मुंह से राम-राम !)
मैं जानता हूँ मुझे यह सलाह देने के बाद श्री मंगलम को कई लोग सलाह देंगे -
"अच्छी संगत में रहा करो मंगलम भाई !"
Saturday, August 15, 2009
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