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Wednesday, September 23, 2009

क्षमा चाहूँगा......लेकिन,....

आज श्री पुण्य प्रसून वाजपेयी के ब्लॉग में न्यूज़ स्टोरी "विकास की मोटी लकीरें" पढ़ी ।

उसी सन्दर्भ में-
जयपुर से भीलवाडा जा रहे राष्ट्रीय राजमार्ग को
यदि मैं "1,25,000 पेड़ों की कब्र " कहूँ,
तो कोई एतराज.....?

2 comments:

  1. आप कहते रहें ..क्षमा मांगते रहें ..रोज ऐसी ही नयी कब्रें खुदती रहेंगी ..!!

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  2. धन्यवाद जी देखते हैं

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