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Tuesday, June 10, 2014

चरण स्पर्श

'पाय लागूं काका '
'जीवतो रह बेटा ....... आज घणो राजी-राजी लाग रयो है '
'राजी होने की तो बात है काका'
'क्या '
'आप का आशीर्वाद मिल गया काका'
'वो तो पाय लगने से पहले भी था '
',,,,,,लेकिन सब जगह तो ऐसा नहीं होता काका'
'मतलब ?'
'ये चरण स्पर्श के अलग-अलग अर्थ क्यों निकलते हैं काका ?'
'अब क्या बताऊँ तुझे   ....... जब कोई मतलब होता है , तो अर्थ बदल जाता है बेटा ! ! ! '


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