Followers

Sunday, December 5, 2010

कैसो पनवा, रे मनवा !

गांवन की सच्चाई देख होत मन में पीड़ा,
'पीपली' के माध्यम से आमिर उठायो बीड़ा .

चूना लगा रहे नेता, ये भ्रष्टाचार-अव्यवस्था
चकरा गए सब देख, नत्था बन गयो कत्था !

नौकरशाही बनी सुपारी लो, पूरो हो गयो पान
खा-पी कर दांतों में दबाओ, अपनों देस महान !

(टेलीविजन पर 'पीपली लाइव ' देख कर मन की प्रतिक्रिया)

No comments:

Post a Comment

Pages