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Tuesday, April 6, 2010

क्या भूलें ,क्या याद करें

'हेलो भाई साब '
'हेलो'
'क्या हुआ भाई साब, आप तो हमें भूल ही गए'
'अजी आप को कैसे भूल सकते हैं'
'लो, पूरे चार महिने हो गए, आप ने एक भी फोन नहीं किया'
'फोन नहीं करने का मतलब ये तो नहीं ,कि हम आपको भूल गए'
'तो हम आपको याद हैं, ये कैसे मान लें ?'
'तो मत मानिए'
'लो, आप तो नाराज़ हो गए'
' तो ऐसा मान लीजिए'
'ऐसा कैसे मान लें साब, आपको नाराज़ करने के लिए फोन थोड़े ही किया है'
'तो क्यों किया है ?'
'आप को याद दिलाने के लिए'
'क्या'
'लो, ये भी भूल गए !'
'अब बोलिए भी'
'क्या बोलें साब, आप ने तो हमें कुछ बोलने लायक छोड़ा ही नहीं'
'तो छोडिए'
'क्या'
'पीछा'
'किसका ?'
'हमारा'
'लगता है आप हमें सचमुच भूल गए हैं'
'तो आप याद दिला दीजिए'
'क्या ?'
'आप का नंबर'
'आप ने सेव नहीं कर रखा क्या ?'
'हो सकता है'
'तो नाम देख कर कॉल कर देते'
'लेकिन अपना नाम तो बताइए'
'ये तो हद कर रहे हैं हैं आप, आप को अपना नाम तो याद है ना ?'
'नाम तो याद है, लेकिन पासवर्ड भूल गया हूँ'
'हो गया कल्याण'
'किसका ?'
'आपका ज़नाब आपका'
'क्यों ?'
'अरे भई, पासवर्ड का ज़माना है, एक बार तो अपना नाम भी भूल जाना लेकिन अपना पासवर्ड मत भूलना'
'अब क्या करें भई ?'
'गाना गाइए -"नाम गुम जाएगा, चेहरा ये बदल जाएगा, मेरा पासवर्ड ही पहचान है , गर याद रहे"...........
"हेलो'
...............
'हेलो'
.............................................................................. ....................... ...... ................ ...

2 comments:

  1. bahut khub


    naya tarika laga hame

    acha he


    shekhar kumawat

    http://kavyawani.blogspot.com/

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  2. **************************

    टिपण्णी लिख रहे है ये ससुर पासवर्ड समझ के स्टार लगाये जा रहा है.. :)

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