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Saturday, November 7, 2009

सिलसिला

आप सोचते हैं कुछ और
कह्ते हैं कुछ और
करना चाहते हैं कुछ और
करते हैं कुछ और
होता है कुछ और !

यह देख कर लोग सोचते हैं कुछ और
कह्ते हैं कुछ और
करना चाहते हैं कुछ और
करते हैं कुछ और
होता है कुछ और !

अब आप सोचते हैं कुछ और
कह्ते हैं कुछ और
करना चाहते हैं कुछ और
करते हैं कुछ और
होता है कुछ और !

इसके बाद लोग सोचते हैं कुछ और
कह्ते हैं कुछ और
करना चाहते हैं कुछ और
करते हैं कुछ और
होता है कुछ और !

और फ़िर आप सोचते हैं कुछ और
कह्ते हैं कुछ और
करना चाहते हैं कुछ और .......
...........................
..............................

........यही सिलसिला अनवरत,
.............जिसका ओर न छोर.... !

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