आप सोचते हैं कुछ और
कह्ते हैं कुछ और
करना चाहते हैं कुछ और
करते हैं कुछ और
होता है कुछ और !
यह देख कर लोग सोचते हैं कुछ और
कह्ते हैं कुछ और
करना चाहते हैं कुछ और
करते हैं कुछ और
होता है कुछ और !
अब आप सोचते हैं कुछ और
कह्ते हैं कुछ और
करना चाहते हैं कुछ और
करते हैं कुछ और
होता है कुछ और !
इसके बाद लोग सोचते हैं कुछ और
कह्ते हैं कुछ और
करना चाहते हैं कुछ और
करते हैं कुछ और
होता है कुछ और !
और फ़िर आप सोचते हैं कुछ और
कह्ते हैं कुछ और
करना चाहते हैं कुछ और .......
...........................
..............................
........यही सिलसिला अनवरत,
.............जिसका ओर न छोर.... !
aisa sa hi ho jaye "KUCH AUR"
ReplyDelete