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Tuesday, June 10, 2014

चरण स्पर्श

'पाय लागूं काका '
'जीवतो रह बेटा ....... आज घणो राजी-राजी लाग रयो है '
'राजी होने की तो बात है काका'
'क्या '
'आप का आशीर्वाद मिल गया काका'
'वो तो पाय लगने से पहले भी था '
',,,,,,लेकिन सब जगह तो ऐसा नहीं होता काका'
'मतलब ?'
'ये चरण स्पर्श के अलग-अलग अर्थ क्यों निकलते हैं काका ?'
'अब क्या बताऊँ तुझे   ....... जब कोई मतलब होता है , तो अर्थ बदल जाता है बेटा ! ! ! '


Tuesday, May 27, 2014

अच्छे दिन आ गए हैं … बधाई हो ! ! ! ! !

Sunday, March 23, 2014

आज शीतला सप्तमी।
धार्मिक आस्था पर्व !
वर्ष में एक बार आज हमारे सामने हैं बासी पकवान।
निश्चिन्त होकर खाइए।

चुनाव।
लोकतांत्रिक आस्था पर्व।
पांच वर्ष में एक बार आज हमारे सामने हैं फिर वही बासी मेहमान।
निश्चिन्त होकर ठप्पा लगाइए।

शुभकामना  .......
आपके स्वास्थ्य और पाचनतंत्र  की !

शुभकामना ……
हमारे स्वस्थ लोकतंत्र की ! !
 





Thursday, May 23, 2013

"ब्लॉग "

'कहाँ गए वो लोग ......!"
"कौनसे लोग ....?"
"अरे भई , वो लोग, जो लिखा करते थे ब्लॉग ....!"
"अच्छा-अछा वो लोग…!
 ......वो तो फेस बुक पर लाइक- कमेन्ट करने में जुटे हुए हैं …."
"ये फेस बुक तो ब्लॉग के लिए ठेस बुक साबित हुई भैया ....!"
"ऐसा तुम समझते हो भाई"
"अब समझने को और क्या है"
"भीड़ भरे ट्रेफिक में चलते-चलते थक कर
 चैन से बैठ कर गप-शप करने का, कुछ कहने -सुनने  का,
 कुछ मन की बात लिखने-पढ़ने  का  मन करे , तो आजाना भैया " 
"कहाँ ….?"
"ब्लॉग की दुनिया में ...!"

Tuesday, April 9, 2013

रे मनवा ........

रे मनवा,  ये कैसा शोर….?

आने वाले चुनाव का जोर ....

भटक गया पॉलिटिक्स की ओर .....

मनवा मनमौजी ....!

मन-मौजी

मन-मोदी ....! ! 

Tuesday, January 29, 2013

धाँय ......धाँय .......धाँय .........! ! !

तीन  गोलियां ! ! !


उसके बाद .........लगातार .........


धाँय ......धाँय .......धाँय .....धाँय ......धाँय .......धाँय .....धाँय ......धाँय .......धाँय .....धाँय ......धाँय .......धाँय

.....धाँय ......धाँय .......धाँय .....धाँय ..........................धाँय ............धाँय .....धाँय ......धाँय

..............................धाँय .....धाँय ......धाँय ................................................................धाँय .....धाँय ......धाँय

.......धाँय .............धाँय ......धाँय .......धाँय .....धाँय ......धाँय .......धाँय .....धाँय ......धाँय ..........धाँय

...........धाँय ......धाँय ...........................धाँय ........धाँय ......................................................धाँय .......धाँय

.........धाँय ......धाँय ...............धाँय .....धाँय ......धाँय .......धाँय .....धाँय ......धाँय

................................................................धाँय .....धाँय ......धाँय .......धाँय .....धाँय ......धाँय .......धाँय

.......................................धाँय ......धाँय .......धाँय .........धाँय ......धाँय .......धाँय .....धाँय ......धाँय .......धाँय

................ .....धाँय ......धाँय .......धाँय .....धाँय ......धाँय ..........................धाँय .....धाँय ......धाँय .......धाँय ...................................... ........................................................................................... .................................................................................. ........................................................................................................................ ..................................................................  .................................  ......................................................................     .......................................................................................  .          ...............     वो फिर भी नहीं मरा ...!


                     ..........हमारा भी दिल कहाँ भरा  ! !


........धाँय .....धाँय ......धाँय ................................................................धाँय .....धाँय ......धाँय

.......धाँय .............धाँय ......धाँय .......धाँय .....धाँय ......धाँय .......धाँय .....धाँय ......धाँय ..........धाँय

...........धाँय ......धाँय ...........................धाँय ........धाँय ......................................................धाँय .......धाँय

.........धाँय ......धाँय ...............धाँय .....धाँय ......धाँय .......धाँय .....धाँय ......धाँय

................................................................धाँय .....धाँय ......धाँय .......धाँय .....धाँय ......धाँय .......धाँय

.......................................धाँय ......धाँय .......धाँय .........धाँय ......धाँय .......धाँय .....धाँय ......धाँय .......धाँय

................ .....धाँय ......धाँय .......धाँय .....धाँय ......धाँय ..........................धाँय .....धाँय ......धाँय .......धाँय ...................................... ........................................................................................... .................................................................................

Friday, January 18, 2013

मित्रों,
लम्बे समय से ब्लॉग पर कुछ लिखा नहीं .......सच कहूँ तो मुझे याद तक नहीं था, कि मैंने यह ब्लॉग बना रखा है। आज फेसबुक पर मेरे ब्लॉग के प्रणेता श्री मोहन मंगलमजी की पोस्ट पढ़ कर ही मुझे इस पेज का ध्यान आया। इस धारा का प्रवाह बनाए रखने का संकल्प ले रहा हूँ .......आज,...अभी ! सादर धन्यवाद और आभार मंगलम जी !
मेरे प्रेरक श्री मोहन मंगलम जी का ब्लॉग है-  www.manglam-manavi.blogspot.com

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