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Friday, December 31, 2010

नव-वर्ष की शुभकामना ! ! ! ! ! ! ! ! ! ! !

1 .1 .11
एक -एक अब दो नहीं, सीधे-सट ग्यारह !
अफसर-मंत्री-बाबू -सन्तरी सबकी ही पौ -बारह !!

जैसे किया दस का, वैसे ग्यारह का करेंगे सामना,
नव-वर्ष की शुभकामना ! ! ! ! ! ! ! ! ! ! !

Sunday, December 5, 2010

कैसो पनवा, रे मनवा !

गांवन की सच्चाई देख होत मन में पीड़ा,
'पीपली' के माध्यम से आमिर उठायो बीड़ा .

चूना लगा रहे नेता, ये भ्रष्टाचार-अव्यवस्था
चकरा गए सब देख, नत्था बन गयो कत्था !

नौकरशाही बनी सुपारी लो, पूरो हो गयो पान
खा-पी कर दांतों में दबाओ, अपनों देस महान !

(टेलीविजन पर 'पीपली लाइव ' देख कर मन की प्रतिक्रिया)

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